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BHDC-134 Hindi Medium Solved Assignment 2025 Available
खंड-क
1. निम्नलिखित गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए:
(क) घर आकर मैंने पत्र सीधा बुआ को दे दिया और वह उसको खोलकर तभी पढ़ने में लग
गई। खत बड़ा नहीं था। लेकिन कई मिनट तक वह उसे पढ़ती रही। यह भी भूल गई कि
प्रमोद भी उनको कोई है और इस वक्त वह पास ही खड़ा है। काफ़ी देर के बाद उन्होंने
वहाँ से आँख हटाई, खत को धीमे-धीमे तह किया और मुझको देखा- मानो उस वक्त
मुझे वह पहचान नहीं रही थीं। मानों सब भूल गईं कि कया था, क्या है, क्या होगा। फिर
उसी बेबूझ भाव से मुझे देखते रहकर मानो यंत्र की भाँति उस खत को फाड़कर नन्हं-नन्हें
टुकड़ों में कर दिया। मानों वह कुछ नहीं कर रहीं, जाने कौन करा रहा है।
(ख) वंशीधर ने अलोपीदीन को आते देखा तो उठ कर सत्कार किया; किंतु स्वाभिमान सहित।
समझ गये कि यह महाशय मुझे लज्जित करने और जलाने आये हैं। क्षमा-प्रार्थना की चेष्टा
नहीं की। वरन् उन्हें अपने पिता की यह ठकुरसुहाती की बात असहृदय-सी प्रतीत हुई। पर
पंडित जी की बातें सुनी तो मन की मैल मिट गयी। पंडित जी की ओर उड़ती हुई दृष्टि
से देखा। सद ्भाव झलक रहा था। गर्व ने लज्जा के सामने सिर झुका दिया। शर्माते हुए
बोले-यह आपकी उदारता है जो ऐसा कहते हैं। मुझसे जो कुछ अविनय हुई है उसे क्षमा
कीजिए। मैं धर्म की बेड़ी में जकड़ा हुआ था, नहीं तो वैस मैं आपका दास हूँ। जो आज्ञा
होगी, वह मेरे सिर-माथे पर।
खंड-ख
2. हिन्दी गद्य की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालिए।
3. ‘आकाशदीप’ कहानी के प्रमुख पात्रों का परिचय दीजिए।
4. निम्नलिखित विषयों पर लगभग 200-250 शब्दों में टिप्पणी लिखिए।
क) ‘नमक का दारोगा’ कहानी की भाषा-शैली
ख) ‘त्यागपत्र’ उपन्यास का सार
खंड-ग
5. ‘लोभ और प्रीति’ के भाव पक्ष का विवेचन कीजिए।
6. ‘सहस्त्र फणों का मणि-दीप‘ के कथ्य का विश्लेषण कीजिए।
7. निम्नलिखित विषयों पर लगभग 200-250 शब्दों में टिप्पणी लिखिए।
क) निबंध के तत्व
ख) ‘कुटज’ की भाषा
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